मस्ती के दिन समाप्त हुए और अब हमारा स्कूल प्रारंभ हो गया है। एक जुलाई से ही हमने स्कूल जाना प्रारंभ कर दिया है। मैं और मेरा भाई सागर राज ग्वालानी आज स्कूल जाने लगे तब पापा ने हमारी ये तस्वीरें खींची है। भाई को रोज बोलना पड़ता है चल भाई स्कूल चल देर हो जाएगी। सागर के कारण मैं भी लेट हो जाती हूं तो स्कूल में डांट खानी पड़ती है।
4 comments:
बहुत सुन्दर लग रहे हो..
प्यार..
स्कूल में पढो भी और मस्ती भी खूब करो...
नीरज
अजी घर की घडी की सुईयां द्स मिन्ट आगे कर दो, फ़िर देखो केसे लेट होते हो.
सुंदर चित्र.
धन्यवाद
यह बात तो मुझपर भी लागू होती है क्योकि मै एक टीचर हू
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