आज मेरे पापा राजकुमार ग्वालानी ने अपने ब्लाग में राजतंत्र में पूछा है कि क्या आपको राष्ट्रगान आता है। अब इससे पहले की कोई राजतंत्र में बताए हम अपने ब्लाग में ही लिख के बता रहे हैं कि हमें तो आता है राष्ट्रगान
आईये हम सब मिलकर इसे गाएं और तिरंगा फहराएं
जन-गण मन अधिनायक जय हे। भारत भाग्य विधाता।।
पंजाब सिंध गुजरात मराठा। द्राविड़ उत्कल बंगा।।
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा। उच्छल जलधि तरंगा।।
तव शुभ नामे जागे। तव शुभ आशिष मांगे।।
गाहे तव जय गाथा। जन-गण मंगल दायक जय हे।।
भारत भाग्य विधाता।।
जय हे ! जय हे! जय हे!!!
जय, जय, जय, जय हे।।
1 comment:
achchi baat hai.
स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामना.
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