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हमने अपने मोहल्ले में आस-पास के अंकल और आंटियों के साथ बच्चों को भी एकत्रित किया और फिर रावण दहन किया गया। रावण को जलाने का काम कौन करे? यह बात सामने आई तो पापा ने कहा कि वैसे तो रावण का वध राम के हाथों हुआ था और दशहरे में रावण को जलाने का काम भी पुरुष ही करते हैं, लेकिन इस रावण को तो तुम दोनों लड़कियां ही जलाओ। जरूरी नहीं है कि रावण को पुरुष ही जलाएं। ऐसे में मैंने और प्रियंका ने रावण को जलाने का काम किया। यहां पर अपना सोनू बाबा कहा पीछे रहना वाला था, वह भी आ गया साथ में फुलझड़ी लेकर। फिर हम तीनों ने मिलकर रावण को जलाया। बाद में पापा ने भी हमारा साथ दिया क्योंकि ठीक से आग नहीं लग रही थी। रावण दहन के बाद सोनपत्ती बांटी गई। इस रावण दहन की फोटो लेने की बहुत तमन्ना थी, पर पापा के कैमरे में चिप न होने के कारण यह तमन्ना पूरी नहीं हो सकी, मोबाइल से खींची गई फोटो ठीक नहीं आई। इसलिए फोटो नहीं दे पा रहे हैं।