
मैं यानी स्वप्निल राज ग्वालानी जिसे सब प्यार से रानी कहते हैं और मेरा भाई सागर राज ग्वालानी जिसे हम सब प्यार से सोनू कहते हैं। हम दोनों को रेत पर मस्ती करते देखने की कल्पना को साकार करने का काम किया है हमारी प्यारी-प्यारी मम्मी श्रीमती अनिता ग्वालानी ने। मेरे हाथ में जो भी चीच है, वह एक लड्डू की तरह लग रही है। वैसे यह क्या चीज है मैं बताने वाली नहीं हूं। मैं इसके बारे में बाद में बताऊंगी, पहले मैं आप लोगों से जानना चाहती हूं कि ये क्या है?